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Unknown lyricist(s)

हो मेरे काबू से बाहर है दिल का सितार कोई छुप-छुप के छेड़े है इसे बार बार
jaidev

jaidev

हिंदी सिनेमा में गीतों का अपना एक खास मुकाम रहा. इतना, की कुछ एक (बेकार ) फिल्मे सिर्फ अपने गीतों की वजह से ही आज भी  याद की जाती है.लेकिन उसी सिनेमा से आये  कुछ एक गीतकार ऐसे रहे जिनका नाम अब विरले ही सुनने को मिलता हैं  .कई गीतकार ऐसे रहे जिन्होंने अपने नाम के आखिर में अपनी ‘मिट्टी’ ,’सरज़मीं ‘ का नाम जोड़ना बेहतर समझा .इसकी शुरुआत कैसे और किनसे हुई ,ये अपने में एक अनुसंधान और शोध का विषय है. बहरहाल, साहिर ,मजरूह ,हसरत ,शकील ,कमर ..इन्हीं नामों में शुमार चंद एक नाम .

लेकिन कुछ नाम ऐसे भी रहे (और दिचस्प भी ) जिनके बारे में अब  कम पढ़ने और सुनने को मिलपाता है. मिसाल के तौर पर ‘परदेसी ‘  (“Pardesi” (out-of-touner), ‘सैलानी ‘(“Sailani” (the tourist), ‘बनवासी’ (“Banwasi” (literally forest Dweller but lets say the exiled one  )’ के .एल. परदेसी ‘ ,’कुमार शर्मा बनवासी ‘ (again I don’t know of any other Banvasis).. इन तमाम  अनसुने  से लगने वाले नामों में ‘सरशार सैलानी’ का नाम थोड़ा सुना सुनाया सा हो सकता  है लेकिन  ‘पंडित बालम’ या बालम ‘परदेसी’ जैसे नाम अनछुए से रहजाते   हैं .आज की ये पोस्ट ऐसे ही अनछुए नामों  को यहाँ दर्ज करने के लिए .

पंडित बालम परदेसी  अजमेर के रहने वाले .फिल्मों का  शुरूआती  सफर भट्ट पिक्चर्स के ‘नरसी भगत’ (1940) से, जो की सरदार ,माला ,दर्शन ,मेरी ख्वाहिश ,भरत मिलाप (शायद उनके सबसे मशहूर गीतों में से एक  ),
कुंवारा बाप,शरबती आँखें ,पैगाम,गीत गोविन्द ,पहला प्यार ,करवट ….जैसे फिल्मे तक जारी रहा . उनका नाम ज़्यादातर धार्मिक/पौराणिक पृष्ठभूमि पर बनी फिल्मों के साथ जुडा मिला .और यहाँ  पंडित इन्दर का नाम लेना भी ज़रुरी है जिनके साथ उन्होंने काफ़ी काम किया .

naushad

naushad

पंडित इन्दर के अलावा नौशाद ,हँसराज बहल,ज्ञान दत्त ,सज्जाद हुसैन जैसे नाम भी इस फेहरिस्त में शामिल किये जा सकते हैं . 

सरशार सैलानी  : (Sarshar Sailani) : हिंदी गीतों के शुरूआती दौर का जाना पहचाना सा नाम . 40 के दौर में अपना  फ़िल्मी सफर ‘आरसी'( Aarsi) और ‘एक रोज’ (Ek Roz, 1947 ) जैसी फिल्मों से शुरू किया  .इसदौरान 32 फिल्मों में तकरीबन 150 गीत दर्ज करवा चुके, जिसमे ‘बेवफा’ ,दिल मतवाला ,इसी का नाम दुनिया ,संस्कार,आबशार ,और (शायद, कमांडर) .गीतकार होने के साथ फिल्मों के लिए संवाद लेखन भी किया (बेवफा ,बरसात की रात ,अनपढ़ ,देवर .शामिल ).और उन संगीतकारों पर नज़र डालें जिनके लिए उन्होंने काम किया वो थे  अनिल बिस्वास ,पंडित गोविन्दराम ,हुसनलाल-भगतराम,लछिराम ,हंसराज बहल,रौशन ,गुलाम हैदर,ए आर कुरैशी, चित्रगुप्त ,सरदूल क्वात्रा , और जयदेव.

मचल के दिल कहे मेरा 
सरशार सेलानी :फिल्म,कमांडर _गीता दत्त _चित्रगुप्त  

अब बात के. एल  परदेसी की ,जानकारी के मुताबिक उन्होंने सिर्फ तीन फिल्मों में गीत लिखे (वजह क्या रही ?)
दिल भी तेरा हम भी तेरे ,सहेली ,और रचना (?)

खुशी भी आई तो कुछ  ऐसे
फिल्म :सहेली _लता मंगेशकर _कल्याणजी आनंद जी 

कुमार शर्मा बनवासी : मेनेजर ,अफ्रीका ,किसकी जीत ,बिहारी ,वनराज जैसी कुल 5 से 6 फिल्मों  की जानकारी   -जिसमे 1948 में हमारी कहानी नाम की एक फिल्म अप्रदर्शित फिल्म भी शामिल रही ,हेमंत केदार का संगीत .

कब तक बने रहेंगे ज़ुल्मों का ...
फिल्म :अफ्रीका _मुबारक बेगम _रोबिन बैनर्जी _

और अब विदा से पहले आपतक बालम परदेसी का लिखा और शमशाद बेगम का गाया फिल्म पहला प्यार का गीत ,फिल्म में संगीत प्रेम नाथ का (जी धोखा ना खाए  😉 )

साभार : अर्चना गुप्ता 

***most of the info above is courtesy Anil Bhargav ji’s book, YT and HFGK.***

 
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Posted by on October 13, 2013 in Articles, info and facts

 

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Madhur milan

LATA MANGESHKAR IN A SINDHI "AJRAK"..

LATA MANGESHKAR IN A SINDHI “AJRAK”..

निगार सुल्ताना के नाम से काफ़ी लोग नावाकिफ ना हो पर शायद इस बात से कम ही लोग वाकिफ हो कि वो  एक आला दर्जे  की शायरा भी रहीं, काफी मुशायरों में उनकी शिरकत भी हुआ करती थी, आज यहाँ उनका लिखा हुआ एक लाजवाब गीत…..

तुम कहा हो…..
खो गए है आरजू के कारवां,
हो गयी मंजिल हमारी बेनिशान – मधुर-मिलन-१९५५

बचा हुआ काम क्या बखूबी निभाया है बुलो सी रानी साहिब और लता जी ने. कहने की बात यह भी है, यहाँ इस फिल्म का निर्माण भी खुद निगार सुल्ताना ने ही किया था, अदाकारा भी खुद ही थी.

Film Madhur Milan 1955 Tum kahan ho /Lata Mangeshkar
 
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Posted by on March 30, 2013 in Articles, info and facts

 

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Faruq Qaiser

Faruq Qaiser  has been an under recognized lyricist in spite of some wonderful songs written by him over 4 decades in films ranging from Aji Bas Shukriya, Parasmani, Shikari to Aitbaar and beyond..He also wrote dialogue-s and was the associate director in a few films as I only recently discovered..Posting here a popular and cute song from Faulad(O Matware Saajna Chhalak Gaya ,a film in which he wrote the lyrics, dialogue and was the Asso. director.He was active as lyricist from 1951 – 1987 (till his death though some movies were released after that). Was Assistant Dir for Prince, Lal Patthar, Kachche Dhaage, Prem Kahani, Rocky amongst others, wrote dialogs for Ilzam and screenplay for Pathar Dil…

 
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Posted by on March 28, 2013 in Articles, info and facts

 

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