By-Arun mudgal
बालमा …
चोरी चोरी चुपके चुपके चुपके चोरी आना कोई देखे ना
बालमा बालमा बालमा ………..
भई वाह क्या बात है ,चोरी चोरी /चुपके चुपके ! 🙂 , ये थीम तो किसी बड़े ही चंट चालाक चतुर चालू चारसौबीस चितकबरे चक्रम के चक्करदार चलचित्री और चित्रपटी चैतन्य के चमत्कारी चिंतन का चातुर्य लगता है 🙂 🙂
अमां HFM के गानों में चोरी चोरी /चुपके चुपके की तो कमी है ही नहीं , यहाँ तो मियां क़सम से ज़्यादातर काम शुरू से ही चोरी चोरी चुपके चुपके ही तो चल रिया है. फिल्लम बाज़ी के कारखाने में चोरी चोरी चुपके चुपके महज़ अलफ़ाज़ नहीं हैं ये तो यहाँ का पूरा दर्शन शास्त्र है भईय्ये :).
शुरुआती दौर से लेकर बहुत बड़ी हद तक आज भी फिल्मों के अर्थशास्त्र में अधिकतर तो चोरी चोरी /चुपके चुपके ही है !
और क्योंकि फिल्लम बाज़ी इक कला है और इसमें जहाँ ऐक ओर अपनी कला के हीरे मोती जड़ने वाले मीनाकारों ने फिल्म और फिल्म संगीत को उत्कृष्ठता से सजाया संवारा वहीं कला जगत की चोरी चोरी /चुपके चुपके चलने वाली चोरी चकारी के चमत्कार से चमकने वाले चतुरों ने भी यहाँ अपना रंग जमाया 🙂 अब ये बात अलग है कि इन चमत्कारी चतुरों के चहीते चेलों ने इस चोरी चकारी को प्रेरणा घोषित कर उसे गरिमा प्रदान करने की चलन चला दिया 🙂
परदे पर रील लाइफ में चलने वाले फ़िल्मी रोमांस के सामानांतर रियल लाइफ में भी चोरी चोरी चुपके चुपके रोमांस चले और इन्होने अपने निशाँ भी छोड़े 🙂
खैर अगर चोरी चोरी चुपके चुपके का ये चटपटा चटकारेदार चंचल चपल और चुहल बाज़ी का दार्शनिक चिंतन यूँ ही चलता रहा तो मुझे लगता है गीत संगीत की बात इस चक्कर में ही फंस जायेगी सो अब ज़रा चोरी चोरी चुपके चुपके गीतों की बात खुल्लम खुल्ला ही कर लें 🙂
चोरी चोरी चुपके चुपके का फ़िल्मी गीतों में बड़ा जलवा है साब ! यहाँ इश्क करने से ले कर आंसू बहाने तक और बालम या सजनी से मिलने से ले कर दिल में उतर जाने तक सारे काम चोरी चोरी चुपके चुपके ही करने का ओरोविजन 🙂 आओ तो चोरी चोरी , जाओ तो चुपके चुपके क्योंकि तक झाँक करने वाले छिद्रन्वेशियों और ज़ालिम ज़माने के ज़ालिम लोगों देख लिया तो बस लोचा ही लोचा है 🙂
Sharing two in fact three of my choice songs on the theme here.
The first song
बालमा …
चोरी चोरी चुपके चुपके चुपके चोरी आना कोई देखे ना
बालमा बालमा बालमा ………..
a rare kind of non film song rendered by Vidyanath Seth is a song which once listened in his typical sweet and grainy voice remains with the listener for a long long time.
The second song ‘Chori chori aana ho raja mere dil ke , bichhadana na mil ke ‘ is sweet and lovely rendition by Sureelee Suraiyya from 1950 film Nili composed by S Mohindar , a song where all the elements the lyrics ( Surjeet Sethi ), the singing and the music fall in line and a memorable melodious gem is created !
And here is Suraiyya beauty ‘Chori chori aana ho raja mere dil ke , bichhadana na mil ke ‘ from Nili 1950
here is the third song A Lata Bai and Husnlal Bhagatram beauty from 1949 film Bansuriya , ‘ Chahe chori chori aao chahe chhup chhup aao…’ Lata Bai’s voice here as sweet as ‘caramelised sugar cubes dipped in honey’ ! a phrase coined by Archisman