हिंदी फिल्मों में कई ऐसे मौके आये जब हमने अपने -अपने टीवी स्क्रीन पर(ही) दूसरे देशों के साथ साथ अपने दिल के करीब बसने वाले शहरों को भी परदे पर देख लिया 😉 फिर ये फिल्में यश चोपडा के बैनर में बनी हों या राजकपूर के , अपने शहर को देखने का अनुभव आपके लिए कैसा होता होगा ,ये मैं नही बता सकता , पर अगर मेरी राय पूछी जाए तो शुरू से ही जब कभी फिल्मों में दिल्ली या इसके किसी इलाके का ज़िक्र देखा /सुना तो एक अच्छा सा एहसास होता था . कई मर्तबा किसी दूसरे शहर से घूमकर जब वापस दिल्ली लौटना होता तो रेलवे स्टेशन से होते हुए एक जगह ऐसी आती ,जहाँ ‘गांधी जी और उनके पीछे पीछे कुछ एक लोग चलते हुए बुत की शक्ल में नज़र आते ‘ , और ओटो में मेरे साथ बैठे अपने भाई से मैं तपाक से कह उठता ‘देख यहीं चांदनी फ़िल्मी की शूटिंग हुई थी ना ‘ ;). तो इस तरह फिल्मों का और अपने शहर का जुड़ाव समझ/ देखा /महसूस किया जा सकता है . इस पोस्ट में बात करेंगे कुछ एक ऐसे ही गीतों /फिल्मों की जहाँ हमे कुछ एक शहर /देश नज़र आये . चूंकि बात दिल्ली से शुरू हुई थी , तो अभी हाल ही में मैंने एक विडियो देखा और हाँ सुनने में भले ही मुझे ये गीत इत्तना नहीं जच्चा पर सिर्फ देख लेने पर ही जी खुश हो गया (साड्डी दिल्ली है जी इसमें ::P ) और हाँ देख इसलिए भी रहा था क्योंकि परदे पर जोयमुखर्जी नज़र आते हैं , और वो चोकलेटी किस्म का हीरो मुझे पसंद था :D.
गीत ये रहा Chal Mere Dil – Joy Mukherjee, Mukesh, Ishara