राग सोहनी मारवा थाट का राग है जिसे मध्यरात्रि का राग माना गया है .इस राग पर आधारित गीतों की बात करें तो राग की प्रकृति के हिसाब से इसे एक ‘गंभीर‘ राग समझा गया है , फिल्म मुग़ल -ए- आज़म का बड़े गुलाम अली का गाया प्रेम जोगन बन के याद कीजिये . उन गंभीर गरजते सुरों में इसी ‘गंभीर’ राग की झलक देखी जा सकती है .
राग सोहनी पर आधारित अलग अलग रचनाएँ :
कान्हा रे कान्हा रे तूने लाखों रास रचाए – लतामंगेशकर के अद्भुत सुरों में राग सोहनी अंकी चमक बिखेरता है