‘बर्फी’! जितना हटकर ये नाम,उतनी ही हटकर आपको ये फिल्म नज़र आएगी! फिल्म कहीं-कहीं ज़रूर आपको‘ब्लैक’ की याद दिलाती है पर अनुराग बासु 150 मिनट की इस फिल्म में आपको ऊबने नहीं देते ! फिल्म का सबसे मज़बूत पक्ष इसका संगीत और साथ ही कलाकारों का बेहतरीन अभिनय है ! जिसमें रणबीर दो क़दम आगे निकलते नज़र आते हैं ! रणबीर की इस फिल्म और पिछली फिल्मों को देखकर ये ज़रूर कहा जा सकता है कि वो आनेवाले समय में अपने फैन्स के बीच और अच्छी फिल्में दे सकते हैं ! कुछ एक बातों को अगर दरकिनार कर दिया जाये तो फिल्म में प्रियांका चोपड़ा ‘झिलमिल’ के किरदार के लिए तारीफ के काबिल है ! इस फिल्म में वो एक ऑटिज्म से पीड़ित लड़की के किरदार में नज़र आयीं हैं ! फिल्म की दूसरी अभिनेत्री ‘श्रुति’ (इलियाना डी क्रूज) अपने छोटे से रोल में भी खुद को खोने नहीं देती ! सौरभ शुक्ला का किरदार न ज़्यादा छोटा न बड़ा ! पर कई दृश्यों में खुद को दोहराते नज़र आते हैं ! कुलमिलाकर ये फिल्म रणबीर के इर्द गिर्द ही बुनी हुई कहानी है !
सिनामाई पर्दे पर ये फिल्म किसी रेशम की तरह बन पड़ती नज़र आती है ! जो अपनी नर्माहट कई दृश्यों में छोड़ती है ! जिसका सही श्रेय फिल्म की तकनीकी टीम खासकर सिनेमेटोग्रेफेर को जाता है !
और अब बात फिल्म के संगीत की जिसमें किसी एक गीत को चुनकर अच्छा कह पाना काफी मुश्किल है ,क्योकि फिल्म का संगीत ही कहानी को आगे बढ़ाता है और तमाम गीत सिनेमाहॉल के बाद भी आपके साथ जाते हैं ! प्रीतम इस बार काफी नए अंदाज़ में है और उनकी धुनें काफी ताज़गी लिए नज़र आती है ! और ये धुनें आपको सच में कई मर्तबा पहाड़ों पर ले जाने में कामयाब रहती है ! संगीत के हिसाब से ये फिल्म उनकी बेहतरीन फिल्मों में शामिल की जा सकती है !
गायकों में मोहित चौहान ,अरिजीत सिंह ,निखिल पौल, शफ़कत अमानतअली खान श्रेया घोषाल ,रेखा भारद्वाज ,पापोन और सुनिधि की आवाज़ अच्छी बन पड़ी है ! अनुराग बासु की टीम ने इस फिल्म के संगीत और गीतों के साथ काफी एक्सपेरिमेंट किया है ! सईद कादरी ,स्वानंद किरकिरे, नीलेश मिश्र, और अर्जुन पंडित के बोल आपको पूरी फिल्म में बांधे रखते हैं जिसके लिए ये सभी तारीफ के काबिल हैं ! कुल मिलाकर ‘परिकथा’ रुपी ‘बर्फी’ ‘अधूरे प्रेम’ की पूरी कहानी है ! सिनेमाहॉल से निकलकर ‘बर्फी’ आपके मुंह में मिठास और चेहरे पर हँसी छोड़ जाती है !