( 1990) में बनी Aashrita पंडित जी की एकमात्र बंगाली फिल्म रही जिसमे उन्होंने संगीत दिया ! संगीतकार सलिल दा और जयदेव से काफी प्रभावित रहे हृदयनाथ . इतना ही नहीं सलिल दा की तरह उन्होंने अपनी कई मूल मराठी धुनों को दूसरी भाषाओं में भी प्रोयोग किया .जैसे : Ye re ghana, Ye re ghana (स्वर -आशा भोसले ) का उन्होंने फिल्म आश्रिता (maago ma balona ) में बेहद ख़ूबसूरती से इस्तेमाल किया .सरोद ,शेहनाई और लता पूरे गाने में उभर के आते हैं !
ये विडंबना है कि इतने अच्छे संगीतकार ने हिंदी फिल्मों में काफी कम काम किया (करीब 15 हिंदी फिल्में ). पर उनकी धुनें जब जब गूंजी वो अमृतस्वर में बदल गयी .हिंदी के अलावा मराठी फिल्मों में भी पंडित जी ने अपनी अमूल्य छाप छोड़ी . खासकर उनकी गैर फ़िल्मी अलबम काफी पसंद की गयीं .हृदयनाथ मंगेशकर के संगीत में एक खास बात है उनकी धुनों को मिलने वाले बोल .उन्होंने जब जब संगीत दिया उसमे उसकी भाषा /बोल पर काफी ध्यान दिया ,और ये उनके व्यक्तित्व की भी एक झलक दिखा जाता है, निजी तौर पर भी हृदयनाथ मंगेशकर का कविता /गीतों से, उसकी भाषा से काफी लगाव रहा .इसका सही श्रेय उन गीतकारों को भी जाता है जिन्होंने उनके साथ काम किया या फिर जिनकी कृति को उन्होंने संगीतबद किया ,खास कर मराठी कवि ग्रेस ,सुरेश भट,शांता शेळके ,आरती प्रभु
वसंत देसाई (श्यामाची आई /मराठी ),नौशाद (बैजू बावरा ,दीवाना ) ,एस डी बर्मन (बाबला ) से लेकर रोशन
(संस्कार ) तक के लिए उन्होंने कुछ एक गीत भी गाये .
भावगीत ,कोलिगीत ,भजन ,शास्त्रीय गीत